
June 4th, 2013, 03:52 PM
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Dhureshvar Dhuracharya
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Re: शक्ति और क्षमा
Quote:
Originally Posted by 28virgo
क्षमा, दया, तप, त्याग, मनोबलसबकालियासहारा
परनरव्याघसुयोधनतुमसेकहोकहाँकबहारा?
क्षमाशीलहोॠपु-सक्षमतुमहुयेविनीतजितनाही
दुष्टकौरवोंनेतुमकोकायरसमझाउतनाही
अत्याचारसहनकरनेकाकुफलयहीहोताहै
पौरुषकाआतंकमनुजकोमलहोकरखोताहै
क्षमाशोभतीउसभुजंगकोजिसकेपासगरलहै
उसकाक्याजोदंतहीनविषरहितविनीतसरलहै
तीनदिवसतकपंथमांगतेरघुपतिसिंधुकिनारे
बैठेपढतेरहेछन्दअनुनयकेप्यारेप्यारे
उत्तरमेंजबएकनादभीउठानहीसागरसे
उठीअधीरधधकपौरुषकीआगरामकेशरसे
सिंधुदेहधरत्राहि-त्राहिकरताआगिराशरणमें
चरणपूजदासतागृहणकीबंधामूढ़बन्धनमें
सचपूछोतोशरमेंहीबसतीहैदीप्तिविनयकी
संधिवचनसम्पूज्यउसीकाजिसमेशक्तिविजयकी
सहनशीलता, क्षमा, दयाकोतभीपूजताजगहै
बलकादर्पचमकताउसकेपीछेजबजगमगहै
कवि: रामधारी सिंह "दिनकर"
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spacebar aapke veerya skhalan se bigad gaya hai kya? 
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Hum woh hai jo vidhaata ka bhagya likhte hai
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